किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता ,
किसी को जमी नहीं मिलती , तो किसी को आसमां नहीं मिलता।
मेरी ये पंक्तियाँ भी कुछ उसी खुशी का जिक्र करती हैं-
हर मिलन बस एहसासों का अन्तराल है,
जिसमें डूबते एहसासों को किनारा मिल जाए,
बस मोतियों और नगमों की बारिश हो ,
दिल कहे ये जिंदगी बस यहीं रुक जाए।
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ReplyDeleteusse ek gaana yaad aa gaya...
ReplyDeleteJaane woh kaise log the jinke pyar ko pyar mila!
Humne to jab kaliyan maangi kaanto ka haar mila!!
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@Ankur
ReplyDeleteitni kam umra me apki itni sundar panktiyon ki rachna ki kala saraahniya hai mitr .
@Anitesh
aap bhi bade chhupe rustam nikle .. :)